डायबिटीज से छुटकारा दिला सकती है बेरियेट्रिक सर्जरी
सुमन कुमार
आप किसी भी डॉक्टर से पूछेंगे कि क्या डायबिटीज से मुक्ति संभव है तो वो यही कहेगा कि एक बार हो जाने के बाद इस बीमारी से छुटकारा नहीं हो सकता। हां, इसका प्रबंधन जरूर किया जा सकता है जिसके जरिये मरीज अपनी सारी जिंदगी सामान्य तरीके से जी सकता है। मगर कई डॉक्टर अब ये दावा करते हैं कि यदि अतिशय मोटापे के कारण कोई व्यक्ति डायबिटीज की चपेट में आ गया है तो बेरियेट्रिक सर्जरी के जरिये मोटापा कम करके उसे डायबिटीज से छुटकारा दिलाया जा सकता है। इस बारे में देश के जाने माने डायबेटोलॉजिस्ट डॉक्टर अनूप मिश्रा ने अपनी किताब डायबिटीज विद डिलाइट में विस्तार से जानकारी दी है। उनकी किताब से बेरियेट्रिक सर्जरी के बारे में आमतौर पर लोगों द्वारा पूछे जाने वाले सवाल और उनके जवाब हम यहां साभार प्रकाशित कर रहे हैं।
प्रश्न: बेरियेट्रिक सर्जरी क्या है?
उत्तर: बेरियेट्रिक सर्जरी के तहत कई सारी सर्जिकल प्रक्रियाएं होती हैं जिन्हें मोटापा कम करने के लिए अथवा डायबिटीज को ठीक करने के साथ-साथ मोटापे से जुड़ी अन्य जटिलताओं को ठीक करने के लिए किया जाता है। इन प्रक्रियाओं में स्लीव गैस्ट्रेक्टमी (पेट का आकार घटाना) और गैस्ट्रिक बाइपास (पेट को छोटा करने के साथ-साथ इसे आंतों के साथ दोबारा से जोड़ना) के साथ-साथ कई अन्य प्रक्रियाएं शामिल हैं।
प्रश्न: बेरियेट्रिक सर्जरी किनमें किया जाता है?
उत्तर: बेरियेट्रिक सर्जरी उन मरीजों में किया जाता है जिनमें:
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- बीएमआई के अनुसार बहुत ज्यादा चर्बी हो। बीएमआई मापने के विस्तृत तरीके को जानने के लिए कृपया किताब का संबंधित अध्याय देखें।
- टाईप 2 डायबिटीज के ऐसे मरीज जिनका वजन बहुत अधिक हो और / या इलाज से नियंत्रण में न आ रहा हो।
प्रश्न: कितने वजन पर बेरियेट्रिक सर्जरी की सलाह दी जाती है?
उत्तर: मरीज को तब बेरियेट्रिक सर्जरी की सलाह दी जाती है यदि:
- बीएमआई 35 किलो / वर्ग मीटर हो और उसे डायबिटीज, नींद से जुड़ी समस्याएं, जोड़ों की परेशानी, फैटी लिवर, उच्च रक्तचाप, वेन्स में खून का थक्का जमने का जोखिम, एसिड रीफल्क्स, घुटने में गठिया जैसी समस्याएं हो।
- इसके अलावा कुछ खास मामलों में 30 से लेकर 34.9 किलो / वर्गमीटर बीएमआई वाले मरीजों को भी इसकी सलाह दी जाती है।
प्रश्न: डायबिटीज के मरीजों को बेरियेट्रिक सर्जरी की सलाह क्यों दी जाती है?
उत्तर: डायबिटीज के मरीजों को इन वजहों से बेरियेट्रिक सर्जरी की सलाह दी जाती है:
- सर्जरी के बाद दवा या इंसुलिन की खुराक कम हो सकती है या बिलकुल बंद हो सकती है। कुछ मरीजों में डायबिटीज पूरी तरह ठीक हो सकता है।
- वजन में 20 से 30 फीसदी की कमी आती है यानी 100 किलो वजन वाले व्यक्ति में 20 से 30 किलो वजन कम हो जाती है।
- डायबिटीज के मरीजों में नर्व को क्षतिग्रस्त होने, किडनी फेल होने, हृदय की परेशानी आदि जैसी जटिलताओं का जोखिम कम करने के लिए।
- रक्तचाप, कोलेस्ट्रोल और नींद से जुड़ी समस्याओं को बेहतर करने के लिए।
- व्यायाम करने की क्षमता बढ़ाने के लिए।
- घुटने में गठिया की स्थिति सुधारने के लिए।
प्रश्न: बेरियेट्रिक सर्जरी किस प्रकार किया जाता है और इससे जुड़े जोखिम क्या हैं?
उत्तर: पेट में छोटे छेदों के जरिये लेप्रोस्कोपिक विधि से ये सर्जरी किए जाते हैं। यदि विशेषज्ञ डॉक्टर से कराया जाए तो इस सर्जरी में उतना ही जोखिम होता है जितना गॉल ब्लाडर के ऑपरेशन में होता है। (विस्तृत जानकारी के लिए किताब का संबंधित अध्याय देखें)
प्रश्न: सर्जरी के बाद मरीज को कितने दिन आराम करना होता है?
उत्तर: अधिकांश मरीजों को 2 से 3 दिन के लिए भर्ती किया जाता है और ये मरीज उसी सप्ताह अपना काम करना शुरू कर सकते हैं।
प्रश्न: सर्जरी करवाने वाले मरीजों को क्या विशेष निर्देश याद रखने की जरूरत है?
उत्तर: मरीजों को शुरुआत में अपने भोजन की आदत में बदलाव करना होता है और विटामिन लेना होता है। उन्हें भविष्य में भी खाने को लेकर सतर्क रहना होता है ताकि वजन फिर न बढ़ जाए। उन्हें नियमित व्यायाम भी करते रहना होता है।
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